कौन है? वह खूबसूरत महिला ऐश्वर्या राय की खूबसूरती को देख डगमगा गए थे जिसके पैर फिर ऐश्वर्या को हराकर बनी विश्व सुंदरी

कौन है वह खूबसूरत महिला जिसने ऐश्वर्या राय  को प्रतियोगिता में देख अपना नाम वापस लिया। फिर मां के कहने पर उसी प्रतियोगिता में ऐश्वर्या को हराकर बनी भारत की पहली मिस यूनिवर्स।

जी हां हम बात कर रहे हैं 1994 में भारत की पहली मिस यूनिवर्स बनी सुष्मिता सेन जिन्होंने खूबसूरती,आत्मविश्वास, और बेबाक इरादों सभी के दिलों मैं जगह बना लेने वाली मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन।

सुष्मिता सेन का जन्म 19 नवंबर 1975 को हैदराबाद, भारत में हुआ था। उनके पिता शुभीर सेन भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर थे और मां सुभ्रा सेन एक फैशन जर्नलिस्ट थीं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के एयर फोर्स गोल्डन जुबली इंस्टिट्यूट और फिर सेंट एन्स हाई स्कूल, सिकंदराबाद से की।

बचपन से ही सुष्मिता का व्यक्तित्व अलग था। वे पढ़ाई में औसत थीं लेकिन आत्मविश्वास में सबसे आगे। उनका सपना था कुछ ऐसा करना जिससे वे देश और अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सकें।

सुष्मिता सेन एक ऐसा नाम है जो भारत की पहली मिस यूनिवर्स बनकर देश को गर्वित कर चुकी हैं। उन्होंने न केवल सौंदर्य प्रतियोगिताओं में अपनी छाप छोड़ी, बल्कि अभिनय, समाज सेवा और सिंगल मदर बनने के फैसले से भी लोगों को प्रेरित किया।

सुष्मिता सेन ने अपना नाम क्यों वापस लिया

सुष्मिता सेन जब सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेने गई थी। तभी उन्हें पता चला था कि इस प्रतियोगिता में ऐश्वर्या राय भी भाग ले रही है। तब उनके मन में ख्याल आया कि ऐश्वर्या राय बहुत सुंदर है उनके सामने जितना नामुमकिन है तब उन्होंने प्रतियोगिता से अपना फॉर्म वापस ले लिया। फॉर्म वापस लेने के बाद जब वह घर पहुंची। तो उनकी मां ने उन्हें बहुत डाटा उनकी माता ने उनसे कहा यह क्या तरीका होता है तुमने कोशिश करने से पहले ही हार मान ली ठीक है अगर तुम्हें लगता है कि ऐश्वर्या दुनिया की सबसे सुंदर लड़की है तो तुम उसे हारो और किसी से हार के क्या फयदा तब वह फिर दूसरे दिन फॉर्म लेकर पहुंच गई फिर जो हुआ। वह किसी चमत्कार से काम नहीं था।

साल 1994 भारतीय सौंदर्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। इसी वर्ष दो नाम दुनिया भर में मशहूर हुए – सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय। जब मिस इंडिया प्रतियोगिता में ये दोनों आमने-सामने आईं, तो सभी को उम्मीद थी कि ऐश्वर्या राय विजेता होंगी। लेकिन सुष्मिता सेन ने आत्मविश्वास, बुद्धिमत्ता और करिश्माई व्यक्तित्व से सबको चौंकाते हुए ऐश्वर्या को पछाड़ दिया और मिस इंडिया यूनिवर्स का ताज अपने नाम किया। यही नहीं, उन्होंने आगे चलकर मिस यूनिवर्स 1994 का खिताब भी भारत को दिलाया।

1994 प्रतियोगिता का फाइनल भारत के सबसे बड़े सौंदर्य आयोजनों में से एक था। प्रतियोगिता में ऐश्वर्या राय को शुरू से ही सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। उनकी खूबसूरती और आकर्षण ने लोगों का ध्यान खींचा। लेकिन सुष्मिता सेन ने अपनी समझदारी, आत्मविश्वास और बेबाक जवाबों से निर्णायकों को प्रभावित कर दिया।

अंतिम राउंड में पूछे गए सवालों में सुष्मिता सेन के जवाब ने निर्णायकों का दिल जीत लिया। उन्होंने बताया कि “एक सच्ची महिला वह होती है जो हर परिस्थिति में खुद पर विश्वास रखती है और अपने फैसलों पर अडिग रहती है।” इस जवाब के बाद पूरा माहौल उनके पक्ष में हो गया और उन्हें मिस इंडिया यूनिवर्स घोषित कर दिया गया। वहीं, ऐश्वर्या राय को मिस इंडिया वर्ल्ड का खिताब मिला।

मिस यूनिवर्स 1994 – इतिहास रचने वाली जीत (Miss Universe 1994)

1994 में सुष्मिता सेन ने ‘फेमिना मिस इंडिया’ प्रतियोगिता में भाग लिया और ऐश्वर्या राय को हराकर जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने फिलीपींस में आयोजित ‘मिस यूनिवर्स 1994’ प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया और इतिहास रचते हुए भारत की पहली मिस यूनिवर्स बनीं।

उनकी बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास और ग्रेस ने उन्हें यह खिताब दिलवाया। सुष्मिता की यह जीत भारत में महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई।

फिल्मी करियर (Sushmita Sen Film Career)

मिस यूनिवर्स बनने के बाद सुष्मिता सेन ने बॉलीवुड में कदम रखा। 1996 में उनकी पहली फिल्म “दस्तक” रिलीज़ हुई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया। उनकी कुछ प्रमुख फिल्में:

बीवी नं.1 (1999) – इस फिल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला।

मैं हूं ना (2004) – शाहरुख खान के साथ इस फिल्म में उनकी टीचर के रूप में भूमिका काफी चर्चित रही।

समय, आंखें, ज़ोर, सिर्फ तुम जैसी फिल्मों में उन्होंने अलग-अलग भूमिकाओं से दर्शकों का दिल जीता।

हालाँकि उनका फिल्मी करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन उन्होंने हमेशा अलग और मजबूत किरदार निभाने की कोशिश की।

निजी जीवन और समाज सेवा (Sushmita Sen Personal Life)

सुष्मिता सेन ने कभी शादी नहीं की, लेकिन उन्होंने दो बेटियों को गोद लेकर एक सिंगल मदर बनने का साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने 2000 में रेनी और 2010 में अलीशा को गोद लिया। यह कदम उस समय समाज के लिए एक नई मिसाल बन गया।

वह समाज सेवा में भी सक्रिय रही हैं और कई चैरिटी प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रही हैं। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए उनकी आवाज हमेशा बुलंद रही है।

ओटीटी पर वापसी – आर्या (Aarya Web Series)

सुष्मिता सेन ने 2020 में वेब सीरीज “आर्या” से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शानदार वापसी की। इस सीरीज में उन्होंने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया जो अपने परिवार की रक्षा के लिए अपराध की दुनिया में उतरती है। इस किरदार को खूब सराहना मिली और इसके लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिले।

“आर्या” के बाद उन्होंने अपनी दूसरी सीज़न से फिर यह साबित किया कि उम्र केवल एक संख्या है और प्रतिभा कभी खत्म नहीं होती।

सुष्मिता सेन की जीवन से सीख (Inspiration from Sushmita Sen)

स्वावलंबन: सुष्मिता ने कभी किसी रिश्ते या शादी के सहारे नहीं बल्कि अपने दम पर जीवन जिया।

साहसिक निर्णय: बेटियों को गोद लेना, फिल्मी दुनिया से ब्रेक लेकर सही मौके का इंतजार करना – ये सभी उनके मजबूत फैसलों के उदाहरण हैं।

महिलाओं की प्रेरणा: उन्होंने महिलाओं को यह दिखाया कि वे बिना समाज के नियमों में बंधे अपने तरीके से जीवन जी सकती हैं।

 

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